हम आज आपके लिए लाये है हिंदी व्हात्सप मैसेज |
#1.
" चलिये टर से क्या क्या हो सकता है:
एक दिन ससुर जी ने अपने भावी दामाद से बड़े ही प्यार से पूछा – ‘मेरी बेटी के जीवन नैया के खेवनहार! आपको शादी में क्या-क्या उपहार चाहिए। दामाद जी ने जुबान – खोली ‘आपकी बेटी खुद लक्ष्मी है। अगर आप इतनी ही जिद करते है तो हमें सिर्फ ‘टर चाहिए। ससुर जी ने बड़े अचंभे से पूछा – ‘बेटा या टर क्या है। दामाद जी बोले -’टर यानी स्कूटर, रफ्रीजरेटर, कंप्यूटर, जनरेटर, मोटर आदि। यह सुनकर ससुर जी मुसकुराए और फिर बोले – हमें आते है तुम्हे पहनाने स्वेटर, फिर देतें है हम तुम्हे अपनी डाटर, जिसके हाथ में है हन्टर, जो बनवाएगी तुम से मटर-टमाटर, डाल कर तुम पर वाटर, तब तुम नजर आओगे वेटर, अब क्या इरादे है मिस्टर। यह सुनकर भावी दामाद जी घबराए और ऐसे भागते नजर आए जैसे हैलीकाप्टर। "
#2.
"बसन्ती ही ताँगा हाँक रही थीं,
क्या पता कहाँ झाँक रही थी ।
नहीं दिखा उनको डिवाइडर रोड का,
लगता है ऐसा की चढ़ा रखी हो उन्होंने वोडका ।
एक मासूम निर्दोष आ गई चपेट में,
जब ताँगा दौड़ रहा था बसंती का कई गुनी रेस में ।
हालाँकि घायल बसंती भी हुई,
लेकिन वो मासूम दुनिया में नहीं रही ।
यहाँ मलाल बस इस बात का है,
इलाज क्या केवल हैसियत और औकात का है ।
गर तत्काल ले जाते मासूम को भी साथ,
हो जाता उसका भी उपचार हाथों हाथ ।
किसी के घर की किलकारी यूँ न छिनती,
वो भी जीवन के ताने-वाने बुनती ।
आपदा में भी देखिए कैसा भेद झलक रहा है,
मीडिया का दिल केवल बसंती के लिए धड़क रहा है ।
अब तो शर्म करो तथाकथित इंसानों,
छोड़ मोह बसंती का इंसानियत की बात मानो ।
कलमकार "कमल मंडेलिया"
#3.
" बोये जाते हैं बेटे ..,🌿 पर उग जाती हैं बेटियाँ ..,🌿 खाद पानी बेटों को ..,🌿 पर लहराती हैं बेटियां ..,🌿 स्कूल जाते हैं बेटे ..,🌿 पर पढ़ जाती हैं बेटियां ..,🌿 मेहनत करते हैं बेटे ..,🌿 पर अव्वल आती हैं बेटियां ..,🌿 रुलाते हैं जब खूब बेटे ..,🌿 तब हंसाती हैं बेटियां ..,🌿 नाम करें न करें बेटे ..,🌿 पर नाम कमाती हैं बेटियां ..,🌿 जब दर्द देते बेटे ..,🌿 तब मरहम लगाती बेटियां ..,🌿 छोड़ जाते हैं जब बेटे ..,🌿 तो काम आती हैं बेटियां ..,🌿 आशा रहती है बेटों से ..,🌿 पर पुर्ण करती हैं बेटियां ..,🌿 हजारों फरमाइश से भरे हैं बेटे ..,🌿 पर समय की नज़ाकत को समझती बेटियां ..,🌿 बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर घूर कर देखे ..,🚫 किंतु ... ,🌿 बेटी को सूरज जैसा बनाओ , ताकि घूरने से पहले सब की नजर झुक जाये ..."
#4.
"एक आदमी ने देखा की एक गरीब बच्चा उसकी कीमती कार को निहार रहा है।
उसे रहम आ गयाऔर उसने उस बच्चे को अपनी कार में बैठा लिया।
बच्चा : आपकी कार बहुत महंगी है ना।
आदमी : हाँ।
मेरे बड़े भाई ने मुझे उपहार में दी है।
बच्चा : आपके बड़े भाई कितने अच्छे आदमी हैं।
आदमी: मुझे पता है तुम क्या सोच रहे हो।
तुम भी ऐसी कार चाहते हो ना?
बच्चा: नहीं।
मै भी आपके बड़े भाई जैसा बनना चाहता हूँ।
मेरे भी छोटे भाई बहन हैं ना।"
#1.
" चलिये टर से क्या क्या हो सकता है:
एक दिन ससुर जी ने अपने भावी दामाद से बड़े ही प्यार से पूछा – ‘मेरी बेटी के जीवन नैया के खेवनहार! आपको शादी में क्या-क्या उपहार चाहिए। दामाद जी ने जुबान – खोली ‘आपकी बेटी खुद लक्ष्मी है। अगर आप इतनी ही जिद करते है तो हमें सिर्फ ‘टर चाहिए। ससुर जी ने बड़े अचंभे से पूछा – ‘बेटा या टर क्या है। दामाद जी बोले -’टर यानी स्कूटर, रफ्रीजरेटर, कंप्यूटर, जनरेटर, मोटर आदि। यह सुनकर ससुर जी मुसकुराए और फिर बोले – हमें आते है तुम्हे पहनाने स्वेटर, फिर देतें है हम तुम्हे अपनी डाटर, जिसके हाथ में है हन्टर, जो बनवाएगी तुम से मटर-टमाटर, डाल कर तुम पर वाटर, तब तुम नजर आओगे वेटर, अब क्या इरादे है मिस्टर। यह सुनकर भावी दामाद जी घबराए और ऐसे भागते नजर आए जैसे हैलीकाप्टर। "
#2.
"बसन्ती ही ताँगा हाँक रही थीं,
क्या पता कहाँ झाँक रही थी ।
नहीं दिखा उनको डिवाइडर रोड का,
लगता है ऐसा की चढ़ा रखी हो उन्होंने वोडका ।
एक मासूम निर्दोष आ गई चपेट में,
जब ताँगा दौड़ रहा था बसंती का कई गुनी रेस में ।
हालाँकि घायल बसंती भी हुई,
लेकिन वो मासूम दुनिया में नहीं रही ।
यहाँ मलाल बस इस बात का है,
इलाज क्या केवल हैसियत और औकात का है ।
गर तत्काल ले जाते मासूम को भी साथ,
हो जाता उसका भी उपचार हाथों हाथ ।
किसी के घर की किलकारी यूँ न छिनती,
वो भी जीवन के ताने-वाने बुनती ।
आपदा में भी देखिए कैसा भेद झलक रहा है,
मीडिया का दिल केवल बसंती के लिए धड़क रहा है ।
अब तो शर्म करो तथाकथित इंसानों,
छोड़ मोह बसंती का इंसानियत की बात मानो ।
कलमकार "कमल मंडेलिया"
#3.
" बोये जाते हैं बेटे ..,🌿 पर उग जाती हैं बेटियाँ ..,🌿 खाद पानी बेटों को ..,🌿 पर लहराती हैं बेटियां ..,🌿 स्कूल जाते हैं बेटे ..,🌿 पर पढ़ जाती हैं बेटियां ..,🌿 मेहनत करते हैं बेटे ..,🌿 पर अव्वल आती हैं बेटियां ..,🌿 रुलाते हैं जब खूब बेटे ..,🌿 तब हंसाती हैं बेटियां ..,🌿 नाम करें न करें बेटे ..,🌿 पर नाम कमाती हैं बेटियां ..,🌿 जब दर्द देते बेटे ..,🌿 तब मरहम लगाती बेटियां ..,🌿 छोड़ जाते हैं जब बेटे ..,🌿 तो काम आती हैं बेटियां ..,🌿 आशा रहती है बेटों से ..,🌿 पर पुर्ण करती हैं बेटियां ..,🌿 हजारों फरमाइश से भरे हैं बेटे ..,🌿 पर समय की नज़ाकत को समझती बेटियां ..,🌿 बेटी को चांद जैसा मत बनाओ कि हर कोई घूर घूर कर देखे ..,🚫 किंतु ... ,🌿 बेटी को सूरज जैसा बनाओ , ताकि घूरने से पहले सब की नजर झुक जाये ..."
#4.
"एक आदमी ने देखा की एक गरीब बच्चा उसकी कीमती कार को निहार रहा है।
उसे रहम आ गयाऔर उसने उस बच्चे को अपनी कार में बैठा लिया।
बच्चा : आपकी कार बहुत महंगी है ना।
आदमी : हाँ।
मेरे बड़े भाई ने मुझे उपहार में दी है।
बच्चा : आपके बड़े भाई कितने अच्छे आदमी हैं।
आदमी: मुझे पता है तुम क्या सोच रहे हो।
तुम भी ऐसी कार चाहते हो ना?
बच्चा: नहीं।
मै भी आपके बड़े भाई जैसा बनना चाहता हूँ।
मेरे भी छोटे भाई बहन हैं ना।"
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