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अपने हर एक लफ्ज़
का खुद आइना हो जाऊँगा..!!
किसी को छोटा
कहकर मैं कैसे बड़ा हो जाऊँगा..!!!!
💚दिल से नाज़ुक दुनिया में कोई चीज नहीं..!
लफ्ज़ का वार भी
खंजर की तरह लगता है..!!
💖शुभ प्रभात
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“किसी पेड़ के कटने का
किस्सा ही ना होता!
"अगर कुल्हाड़ी के
पीछे 'लकड़ी' का हिस्सा ना होता!_तस्वीर के रंग चाहे जो भी हो...
_मुस्कान का रंग
हमेशा ख़ूबसूरत ही होता है...!!!
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खतरनाक बच्चा
लेडी टीचर :=लोफर
और ऑफर में क्या अंतर है?
स्टूडेंट:= very
simple mam, "i love u अगर लड़का बोले तो
लोफर और लड़की
बोले तो ऑफ़र
लेडी टीचर :=
सोच और वहम में क्या
फर्क है?
स्टूडेंट:=आप
मस्त आइटम है।ये हमारी सोच है।और हम अभी
बच्चे है ये आपका
वहम है।
लेडी टीचर:= अगर
दुनिया में लड़की नहीं हो तो क्या
होगा?
स्टूडेंट:= कॉलेज़
वीरान
गलिया सुनसान
दुनियां परेसान
तन्हा इंसान
ना जानू
ना जान
हर तरफ
"जय हनुमान”
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एक राजा था जिसकी
प्रजा हम भारतीयों की तरह सोई हुई थी !
बहुत से लोगों ने
कोशिश की प्रजा जग जाए ..
अगर कुछ गलत हो
रहा है तो उसका विरोध करे,
लेकिन प्रजा को
कोई फर्क नहीं पड़ता था !
राजा ने तेल के
दाम बढ़ा दिये प्रजा चुप रही
राजा ने अजीबो
गरीब टैक्स लगाए प्रजा चुप रही
राजा मनमानी करता
रहा लेकिन प्रजा चुप रही
एक दिन राजा के
दिमाग मे एक बात आई उसने एक अच्छे-चौड़े
रास्ते को खुदवा
के एक पुल बनाया ..
जबकि वहां पुल की
कतई आवश्यकता नहीं थी ..
प्रजा फिर भी चुप
थी किसी ने नहीं पूछा के भाई यहा तो किसी
पुल की जरुरत
नहीं है आप काहे बना रहे है ?
राजा ने अपने
सैनिक उस पुल पे खड़े करवा दिए और पुल से
गुजरने वाले हर
व्यक्ति से टैक्स लिया जाने लगा फिर भी किसी
ने कोई विरोध
नहीं किया ! फिर राजा ने अपने सैनिको को
हुक्म दिया कि जो
भी इस पुल से गुजरे उसको 4 जूते मारे जाए
और एक शिकायत
पेटी भी पुल पर रखवा दी कि किसी को अगर
कोई शिकायत हो तो
शिकायत पेटी मे लिख कर डाल दे
लेकिन प्रजा फिर
भी चुप ! राजा रोज़ शिकायत पेटी खोल
कर देखता की शायद
किसी ने कोई विरोध किया हो लेकिन
उसे हमेशा पेटी
खाली मिलती !
कुछ दिनो के बाद
अचानक एक एक चिट्ठी मिली ..
राजा खुश हुआ के
चलो कम से कम एक आदमी तो जागा ,,,,,
जब चिट्ठी खोली
गयी तो उसमे लिखा था -
"हुजूर जूते मारने
वालों की संख्या बढ़ा दी जाए ...
हम लोगो को घर
जाने मे देरी होती है !
ऐसे हो गए हैं हम
....और हमारा समाज
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जब कन्या अपने,
पिता के घर होती है,"रानी" बन के रहती है.
👑👑👑
पहली बार ससुराल
जाती है,"लक्ष्मी",बनकर जाती है.
💵💵💰💰💵💵
और ससुराल मे काम
कऱते-करते "बाई" बन जाती है,
🍴🍴🍛🍛
इस तरह लडकीया
"रानी-लक्ष्मी-बाई" बन जाती है...!!!
और फिर बिना
तलवार के ही पति को अंग्रेज समज लेती है
😝😝😝😝💃💃💃
और फिर वो पति,
अंग्रेज न हो कर भी "अंग्रेजी" 🍷🍹 लेना शुरू कर
देता हैं
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Very Touching Poem
इस राखी पर भैया,
मुझे बस यही
तोहफा देना तुम ,
रखोगे ख्याल
माँ-पापा का ,
बस यही इक वचन
देना तुम ,
बेटी हूं मैं ,
शायद ससुराल से
रोज़ न आ
पाऊंगी ,
जब भी पीहर आऊंगी
,
इक मेहमान बनकर
आऊंगी ,
पर वादा है,
ससुराल में
संस्कारों से,
पीहर की शोभा
बढाऊंगी ,
तुम तो बेटे हो ,
इस बात को न भुला
देना तुम ,
रखोगे ख्याल माँ
-पापा का बस यही वचन देना तुम ,
मुझे नहीं चाहिये
सोना-चांदी ,
न चाहिये
हीरे-मोती ,
मैं इन सब चीजों
से कहां सुःख पाऊंगी
देखूंगी जब
माँ-पापा को पीहर में खुश
तो ससुराल में
चैन से मैं भी जी पाऊंगी.....
अनमोल हैं ये
रिश्ते ,
इन्हें यूं ही न
गंवा देना तुम ,
रखोगे ख्याल
माँ-पापा का ,
बस यही वचन देना
तुम ,
वो कभी तुम पर
यां भाभी पर
गुस्सा हो
जायेंगे ,
कभी चिड़चिड़ाहट
में कुछ कह भी जायेंगे ,
न गुस्सा करना ,
न पलट के कुछ कहना तुम ,
उम्र का तकाजा है,
यह भाभी को भी
समझा देना तुम ,
इस राखी पर भैया
मुझे
बस यही तोहफा
देना तुम ,
रखोगे ख्याल
माँ-पापा का ,
बसयही वचन देना
तुम
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Do line sirf mere liye
रहता हूं किराये
की काया में...
रोज़ सांसों को
बेच कर किराया चूकाता हूं....
मेरी औकात है बस
मिट्टी
जितनी...
बात मैं महल
मिनारों की कर जाता हूं...
जल जायेगी ये
मेरी काया ऐक दिन...
फिर भी इसकी
खूबसूरती
पर इतराता
हूं....
मुझे पता है मैं
ख़ुद के सहारे श्मशान तक भी ना जा सकूंगा...
इसीलिए जमाने में
दोस्त बनाता हूँ
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हमेशा ब्रान्डेड
चीज का इस्तेमाल करे
1. होठों के लिये
" सत्य "
2. आवाज के लिये
" प्रार्थना"
3. आंखो के लिये
" दया"
4. हाथों के लिये
" दान
5. ह्दय के लिये
"प्रेम
6. चहेरे के लिये
" हँसी " ओर
7. बड़ा बनने के
लिये "माफी"
🙏 जय श्री कृष्णा 🙏
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खुदगर्जों की
बस्ती में एहसान भी एक गुनाह है,
जिसे तैरना सिखाओ
वही डुबाने को तैयार रहता है।
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अच्छे लोगो को
भगवान् परेशान करता है पर साथ कभी नहीं छोड़ता
और बुरे लोगो को
भगवान् बहुत देता है मगर साथ नही देता।
🙏आपका दिन मंगलमय हो
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एक सत्य यह है की
:-
अगर जिन्दगी इतनी
अच्छी होती तो हम इस दुनिया में रोते- रोते हुए न आते
मगर एक मीठा सत्य
यह भी है की :-
अगर यह जिन्दगी
बुरी होती तो जाते-जाते लोगों को रुलाकर न जाते"💐💐💐🌷🌷🌺सुप्रभात🌺
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एक छोटे बच्चे ने
अपनी माँ से कहा माँ मैं
इतना बड़ा कब हो
जाउंगा की आप से बिना
पूछे कहीं भी जा
सकूं
माँ ने बहुत
प्यार से कहा_________••
बेटा इतना बड़ा
तो तेरा बाप भी नहीं हुआ....😜😜
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शिक्षक _हम राखी का त्योहार पूर्णिमा को ही क्यों मनाते
हैं ?
💫💫💫💫💫💫💫
छात्र _राखी सावंत के डर से ।
🌻🌻🌻🌻🌻🌻🌻
शिक्षक गुस्से से _वो कैसे ?? 🎆🎆🎆🎆🎆🎆🎆
छात्र मासूमियत
के साथ __
क्योंकि इस रोज
राखी सावंत का जन्म हुआ था और उनके नाम के अनुसार
राखी +सावन +अंत
अर्थात राखी को
सावन के अंत में मनाना है। तब से राखी
सावन के अंत अर्थात पूर्णिमा को मनाते हैं।
💫💥💫💥💫💥💫
Fresham. Fresh
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[8/26/2015, 8:30 PM] +91 93528 83015: एक साधारण प्रश्न---मानव अपने जीवन में किन किन से सबसे
अधिक अपेक्षायें रखता है?
[8/26/2015, 8:30 PM] +91 93528 83015: बेटा अपने बाप से
बाप अपनी पुत्री
से
पत्नी अपने पति
से
[8/26/2015, 8:31 PM] +91 93528 83015: (हार्दिक पटेल जैसे प्रतिघातियों द्वारा पुनः
आरक्षण की आग लगाने पर टूटते हिन्दू समाज को चेताती मेरी नई कविता
रचनाकार-गौरव
चौहान इटावा उ प्र
आओ मिलकर आग
लगाएं,नित नित नूतन स्वांग करें,
पौरुष की नीलामी
कर दें,आरक्षण की मांग करें,
पहले से हम बंटे
हुए हैं,और अधिक बंट जाएँ हम,
100 करोड़ हिन्दू है,मिलकर इक दूजे को खाएं हम,
देश मरे भूखा
चाहे पर अपना पेट भराओ जी,
शर्माओ मत,भारत माँ के बाल नोचने आओ जी,
तेरा हिस्सा मेरा
हिस्सा,किस्सा बहुत पुराना है,
हिस्से की
रस्साकसियों में भूल नही ये जाना है,
याद करो ज़मीन के
हिस्सों पर जब हम टकराते थे,
गज़नी कासिम बाबर
मौका पाते ही घुस आते थे
अब हम लड़ने आये
हैं आरक्षण वाली रोटी पर,
जैसे कुत्ते झगड़
रहे हों कटी गाय की बोटी पर,
हमने कलम किताब
लगन को दूर बहुत ही फेंका है,
नाकारों को खीर
खिलाना संविधान का ठेका है,
मैं भी पिछड़ा,मैं भी पिछड़ा,कह कर बनो भिखारी जी,
ठाकुर पंडित
बनिया सब के सब कर लो तैयारी जी,
जब पटेल के
कुनबों की थाली खाली हो सकती है,
कई राजपूतों के
घर भी कंगाली हो सकती है,
बनिए का बेटा
रिक्शे की मज़दूरी कर सकता है,
और किसी वामन का
बेटा भूखा भी मर सकता है,
आओ इन्ही बहानों
को लेकर,सड़कों पर टूट पड़ो,
अपनी अपनी
बिरादरी का झंडा लेकर छूट पड़ो,
शर्म करो,हिन्दू बनते हो,नस्लें तुम पर थूंकेंगी,
बंटे हुए हो जाति
पंथ में,ये ज्वालायें फूकेंगी,
मैं पटेल हूँ मैं
गुर्जर हूँ,लड़ते रहिये शानों से,
फिर से तुम जूते
खाओगे गजनी की संतानो से,
ऐसे ही हिन्दू
समाज के कतरे कतरे कर डालो,
संविधान को छलनी
कर के,गोबर इसमें भर डालो,
राम राम करते इक
दिन तुम अस्सलाम हो जाओगे,
बंटने पर ही अड़े
रहे तो फिर गुलाम हो जाओगे,
---कवि गौरव
चौहान(कृपया मूल रूप में ही शेयर करें.,काटा छांटी का पूण्य कार्य न करें)
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एक सज्जन की
तबियत अचानक ख़राब हो गयी ,तत्काल उन्होंने
अपने डॉक्टर को बताय
डॉक्टर ने बहुत
बारीकी से उनका मुआयना किया और आखिरकार बहुत संजीदगी से बोला , " मुझे बेहद अफ़सोस के साथ आपको बताना पड़ रहा है
कि आपकी हालत बहुत नाज़ुक है और आप महज १२
घंटे के मेहमान हैं। "
उन सज्जन के तो छक्के ही छूट गए। डॉक्टर इतना तजुर्बेदार था ,जहीन था, नामी गिरामी था,काबिल था कि उसके निदान पर शक भी नहीं किया जा सकता था।
"सिर्फ १२ घंटे ?" उसने फिर से पुछा
"हाँ" डॉक्टर गंभीर स्वर में बोला ,
"अगली सुबह देखना आपको
नसीब नहीं होगा। "
वो तत्काल अपने घर पहुंचे ,अपनी बीवी को ये बुरी खबर सुनाई और बोले कि अब
उनकी आख़िरी ख्वाहिश ये थी कि वो अपनी जिंदगी के बाकी बचे कुछ घंटे अपनी हसीन तरीन
बीवी के पहलू में उसे प्यार करते हुए गुजारे।
पत्नी ने सहमति में सर हिलाया।
दोनों बैठ कर
प्यार मोहब्बत की बाते और प्यार करने लगे
3 बजे के लगभग जब
पत्नी को नींद आने लगे तो वो सोने के लिए बोली,
पर पति ने मना कर
दिया! अंत में पत्नी दुखी होकर बोली....
"अब सो भी जाओ , तुमने तो सबेरे उठना नहीं ,मैंने तो उठना है न।
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पुरी में जगन्नाथ
मंदिर के 8 अजूबे इस प्रकार है।
1.मन्दिर के ऊपर
झंडा हमेशा हवा के विपरीत दिशा में लहराते हुए।
2.पुरी में किसी भी
जगह से आप मन्दिर के ऊपर लगे सुदर्शन चक्र को देखेगे तो वह आपको सामने ही लगा
दिखेगा।
3.सामान्य दिन के
समय हवा समुद्र से जमीन की तरफ आती है, और शाम के दौरान इसके विपरीत, लेकिन पूरी में
इसका उल्टा होता है.
4.पक्षी या विमानों
मंदिर के ऊपर उड़ते हुए नहीं पायेगें।
5.मुख्य गुंबद की
छाया दिन के किसी भी समय अदृश्य है.
6.मंदिर के अंदर
पकाने के लिए भोजन की मात्रा पूरे वर्ष के लिए
रहती है। प्रसाद की एक भी मात्रा
कभी भी यह व्यर्थ नहीं जाएगी, चाहे कुछ हजार
लोगों से 20 लाख लोगों को खिला सकते हैं.
7. मंदिर में रसोई
(प्रसाद)पकाने के लिए 7 बर्तन एक दूसरे
पर रखा जाता है और लकड़ी पर पकाया जाता है. इस प्रक्रिया में शीर्ष बर्तन में
सामग्री पहले पकती है फिर क्रमश: नीचे की तरफ
एक के बाद एक पकते जाती है।
8.मन्दिर के
सिंहद्वार में पहला कदम प्रवेश करने पर
(मंदिर के अंदर से) आप सागर द्वारा निर्मित किसी भी ध्वनि नहीं सुन सकते. आप
(मंदिर के बाहर से) एक ही कदम को पार करें जब आप इसे सुन सकते हैं. इसे शाम को
स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।
साथ में यह भी
जाने:-
मन्दिर का रसोई
घर दुनिया का सबसे बड़ा रसोइ घर है।
प्रति दिन
सांयकाल मन्दिर के ऊपर लगी ध्वजा को मानव द्वारा उल्टा चढ़ कर बदला जाता है।
मन्दिर का
क्षेत्रफल चार लाख वर्ग फिट में है।
मन्दिर की ऊंचाई 214 फिट है।
विशाल रसोई घर
में भगवान जगन्नाथ को चढ़ाने वाले महाप्रसाद को बनाने 500 रसोईये एवं 300 उनके सहयोगी काम करते है।
" जय जगन्नाथ
जय जय जगन्नाथ
"
एक बात बोलू
इंकार मत करना आपको आप जिसे चाहते हे उनकी कसम हे। शिव जी 5 नाम
1"शिव शंकर"
2"भोले नाथ"
3"नील कंठ"
4"महारुद्र"
5"मृत्युंजय"
10 लोगो को सेंड
करों ।आज आपको गुड न्यूज़ मिलेगी,अगर पढ़कर अंजन बने रहे तो शानिवार तक कुछ ऐसा
होगा जो कभी सोचा भी नहीं
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मन्दी स्पेशल
कोई वकील अगर
नींद में मुस्कुराया होगा..
यकीन मानिये उसके
ख्वाब में कोई पक्षकार फ़ीस लेकर आया
होगा...
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