👉 अजीब कमीना है यह वक़्त भी,
जवानी का लालच देकर बचपन ले गया...,
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👉 अब अमीरी का लालच देकर जवानी
छिन रहा हैं...!!!
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एक काफिला सफ़र के दौरान अँधेरी सुरंग से गुजर रहा था । उनके पैरों में कंकरिया चुभी, कुछ लोगों ने इस ख्याल से कि किसी और को ना चुभ जाये, नेकी की खातिर उठाकर जेब में रख ली । कुछ ने ज्यादा उठाई कुछ ने कम ।
जब अँधेरी सुरंग से बाहर आये तो देखा वो हीरे थे।
जिन्होंने कम उठाये वो पछताए कि ज्यादा क्यों नहीं उठाए । जिन्होंने नहीं उठाए वो और पछताए ।
दुनिया में जिन्दगी की मिसाल इस अँधेरी सुरंग जैसी है और नेकी यहाँ कंकरियों की मानिंद है । इस जिंदगी में जो नेकी की वो आखिर में हीरे की तरह कीमती होगी और इन्सान तरसेगा कि और ज्यादा क्यों ना की।
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कभी इनका हुआ हूं मै, कभी उनका हुआ हूं ....
मै खुद के लिए कोशिश नहीं की, मगर सबका हुआ हूं मै .....
मेरी हस्ती बहुत छोटी, मेरा रूतबा नही कुछ भी लेकिन डूबते के लिए सदा तिनका हुआ हू मै....
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चाणक्य के १५ अमर वाक्य...
१ ) ➤ दूसरों की गलतियों से सीखो...
अपने ही ऊपर प्रयोग करके सीखने को तुम्हारी आयु कम पड़ेगी...।
२ ) ➤ किसी भी व्यक्ति को बहुत ईमानदार नहीं होना चाहिए...
सीधे वृक्ष और व्यक्ति ही पहले काटे जाते हैं...।
३ ) ➤ अगर कोई सर्प जहरीला नहीं है तब भी उसे जहरीला दिखना चाहिए...
वैसे दंश भले ही न दो पर दंश दे सकने की क्षमता का दूसरों को अहसास करवाते रहना चाहिए...।
४ ) ➤ हर मित्रता के पीछे कोई स्वार्थ जरूर होता है...
यह कड़वा सच है...।
५ ) ➤ कोई भी काम शुरू करने के पहले तीन सवाल अपने आपसे पूछो...
मैं ऐसा क्यों करने जा रहा हूँ ...?
इसका क्या परिणाम होगा...?
क्या मैं सफल रहूँगा...?
६ ) ➤ भय को नजदीक न आने दो...
अगर यह नजदीक आये इस पर हमला कर दो...
यानी भय से भागो मत इसका सामना करो...
७ ) ➤ दुनिया की सबसे बड़ी ताकत पुरुष का विवेक और महिला की सुन्दरता है...
८ ) ➤ काम का निष्पादन करो...
परिणाम से मत डरो...
९ ) ➤ सुगंध का प्रसार हवा के रुख का मोहताज़ होता है...
पर अच्छाई सभी दिशाओं में फैलती है...
१० ) ➤ ईश्वर चित्र में नहीं चरित्र में बसता है...
अपनी आत्मा को मंदिर बनाओ...
११ ) ➤ व्यक्ति अपने आचरण से महान होता है जन्म से नहीं...
१२ ) ➤ ऐसे व्यक्ति जो आपके स्तर से ऊपर या नीचे के हैं उन्हें दोस्त न बनाओ...
वह तुम्हारे कष्ट का कारण बनेगे...
समान स्तर के मित्र ही सुखदायक होते हैं...
१३ ) ➤ अपने बच्चों को पहले पांच साल तक खूब प्यार करो...
छः साल से पंद्रह साल तक कठोर अनुशासन और संस्कार दो...
सोलह साल से उनके साथ मित्रवत व्यवहार करो...
आपकी संतति ही आपकी सबसे अच्छी मित्र है...
१४ ) ➤ अज्ञानी के लिए किताबें और अंधे के लिए दर्पण एक समान उपयोगी है...
१५ ) ➤ शिक्षा सबसे अच्छी मित्र है। शिक्षित व्यक्ति सदैव सम्मान पाता है। शिक्षा की शक्ति के आगे युवा शक्ति और सौंदर्य
दोनों ही कमजोर है
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Bhagvan ki khoj
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अकबर ने बीरबल के सामने
अचानक एक दिन 3 प्रश्न उछाल दिये। 〰〰〰〰〰〰〰
प्रश्न यह थे -
1) ' भगवान कहाँ रहता है?
2) वह कैसे मिलता है
और
3) वह करता क्या है?''
बीरबल इन प्रश्नों को सुनकर सकपका गये और बोले - ''जहाँपनाह! इन प्रश्नों के उत्तर मैं कल आपको दूँगा।"
जब बीरबल घर पहुँचे तो वह बहुत उदास थे।
उनके पुत्र ने जब उनसे पूछा तो उन्होंने बताया -
''बेटा! आज बादशाह ने मुझसे एक साथ तीन प्रश्न:
✅ 'भगवान कहाँ रहता है?
✅ वह कैसे मिलता है?
✅ और वह करता क्या है?' पूछे हैं।
मुझे उनके उत्तर सूझ नही रहे हैं और कल दरबार में इनका उत्तर देना है।''
बीरबल के पुत्र ने कहा- ''पिता जी! कल आप मुझे दरबार में अपने साथ ले चलना मैं बादशाह के प्रश्नों के उत्तर दूँगा।''
पुत्र की हठ के कारण बीरबल अगले दिन अपने पुत्र को साथ लेकर दरबार में पहुँचे।
बीरबल को देख कर बादशाह अकबर ने कहा - ''बीरबल मेरे प्रश्नों के उत्तर दो।
बीरबल ने कहा - ''जहाँपनाह आपके प्रश्नों के उत्तर तो मेरा पुत्र भी दे सकता है।''
अकबर ने बीरबल के पुत्र से पहला प्रश्न पूछा - ''बताओ!
' भगवान कहाँ रहता है?'' बीरबल के पुत्र ने एक गिलास शक्कर मिला हुआ दूध बादशाह से मँगवाया और कहा- जहाँपनाह दूध कैसा है?
अकबर ने दूध चखा और कहा कि ये मीठा है।
परन्तु बादशाह सलामत या आपको इसमें शक्कर दिखाई दे रही है।
बादशाह बोले नही। वह तो घुल गयी।
जी हाँ, जहाँपनाह! भगवान भी इसी प्रकार संसार की हर वस्तु में रहता है।
जैसे शक्कर दूध में घुल गयी है परन्तु वह दिखाई नही दे रही है।
बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब दूसरे प्रश्न का उत्तर पूछा - ''बताओ!
भगवान मिलता केैसे है ?'' बालक ने कहा -
''जहाँपनाह थोड़ा दही मँगवाइए।
'' बादशाह ने दही मँगवाया तो बीरबल के पुत्र ने कहा -
''जहाँपनाह! क्या आपको इसमं मक्खन दिखाई दे रहा है।
बादशाह ने कहा- ''मक्खन तो दही में है पर इसको मथने पर ही दिखाई देगा।''
बालक ने कहा- ''जहाँपनाह! मन्थन करने पर ही भगवान के दर्शन हो सकते हैं।''
बादशाह ने सन्तुष्ट होकर अब अन्तिम प्रश्न का उत्तर पूछा - ''बताओ! भगवान करता क्या है?''
बीरबल के पुत्र ने कहा- ''महाराज! इसके लिए आपको मुझे अपना गुरू स्वीकार करना पड़ेगा।''
अकबर बोले- ''ठीक है, आप गुरू और मैं आप का शिष्य।''
अब बालक ने कहा- ''जहाँपनाह गुरू तो ऊँचे आसन पर बैठता है
और शिष्य नीचे।
'' अकबर ने बालक के लिए सिंहासन खाली कर दिया और स्वयं नीचे बैठ गये।
अब बालक ने सिंहासन पर बैठ कर कहा - ''महाराज! आपके
अन्तिम प्रश्न का उत्तर तो यही है।''
अकबर बोले- ''क्या मतलब? मैं कुछ समझा नहीं।''
बालक ने कहा- ''जहाँपनाह! भगवान यही तो करता है।
"पल भर में राजा को रंक बना देता है और भिखारी को सम्राट बना देता है।"
👍👏👏 pasand aye to aage bhejiye.....
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😎😳
झूठ बोलने की भी हद होती है।
उधार दिए हुए पैसे वापस लेने के लिये मैने दोस्त के घर पर Landline पर फोन किया तो उसका जवाब सुन कर मैं तो बेहोश होते होते बचा।
बोला " Drive कर रहा हूँ
बाद में फोन करता हूँ।"
😜😝😛😂...
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